purane time ki pathsala ki padhai

पुरानी राजस्थानी-भाषा की पढाई क. कको केवलियो। ख. खखो खाजलो। ग. गगा गोरी गाय। घ. घघो घोट पलाण्यो जाय। ड़. आगे नंद्यो भागोजाय। च. चडा चडारी चांच है। छ. छछ्या विद्या पीटला। ज. जजो जेवर वाणी रो। झ. झझा जीरी शांडी रो। ञ. नन्यो भाट चोट्टो। ट. टटाल पोली खांड घी। ठ. ठठा जीरा गाडुवा। ड. डडो डावण गंठे। ढ. क्ढा हूणा पूंछ है। ण. राणो ताणओ हेल है। त. ततो तमाली तेल है। थ. थथो थावरियो। द. ददो दीवटियो। ध. धधो धानरो। न. ननो फुलायरो। प. पाप पाटकडी। फ. फफो फुलायरो। ब. बबा में चानणी। भ. भाव कटाररो। म. बामण मोटको। य. जग्गु जाडा पेटरो। र. राईबालो रांकलो। ल. लला घोडी लात वावे। व. ववावेंगण वासदे। श. शीया घोटा मरडीया। ष. षषा खूणा फाडिया। स. साग्से दन्ते। ह. हावलो हींडोलणो। ल लेरे लाची दो पणियार। क्ष. माथे मोटो घडो चढांव। त्र खडिया खातर मोरचोर, पाले बंध्या दो चोर। ज्ञ. मंगल मेशरो, दे विद्या परमेशरी। परमेशररी रे पायलागू, हाथजोड विद्या मांगू। विद्या रे घरघावडी, शेंश विद्या आवडी। आंवडी में दीवो, म्हारा गुरुजी बावजी घणा वरस जीवो। क ख ग घ ङ, च छ ज झ ञ ट ठ ड ठ ण, त थ द ध न प फ ब भ म, य र ल व श ष स ह ल...